प्रकल्प नीडम ग्वालियर

1982 से विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, प्रकल्प नीडम ग्वालियर मध्यप्रदेश में प्राकृतिक वातावरण के लिये विख्यात है , 5000 से ज्यादा वुक्ष परिसर की शोभा बढ़ाते है , आध्यात्मिक अनुभूति के लिए योग के विभिन्न  प्रशिक्षण, योग के पाठ्यक्रम, प्राकृतिक चिकित्सालय, गौशाला, हनुमान जी का मंदिर,आनंदालय,स्वास्थ्य सेवा- मेडिकल कैम्प, संस्कार वर्ग, स्वाध्याय वर्ग, योग वर्ग ,केंद्र वर्ग कार्यपद्धती के माध्यम से और योग प्रशिक्षक शिविर , आध्यात्मिक शिविर , युवा जागरण के लिए अनेक आयाम , परिवार  संस्कारवान हो इस के लिए अमृत परिवार मिलन कार्यकर्म , कौशक विकास केन्द्र, जेसे आयामों के माध्यम से  सेवा कार्य का संचालन होता है  

कार्य का वर्तमान स्वरूप व विस्तार

  1. नीडम -प्रकल्प  में कार्यपद्धति नियमित रूप से आयोजित की जाती है – योग वर्ग, स्वाध्याय वर्ग, संस्कार वर्ग, केन्द्र वर्ग,  
  2. प्राकृतिक चिकित्सालय- पुरूष और महिलाओं के लिए भिन्न उपचार किया जाता था , आवासीय रूप से भी लोग यहाँ रहकर आपना स्वस्थ लाभ लेते है सम्पूर्ण  देश और विदेश से  लोग यहाँ आकार आनंद की अनुभूति होती है
  3. गौशाला में अभी 10 गौ वंश का सेवा की जा रही है।  और गोबर से धुपबती , दिया बनानेका प्रशिक्षण केंद्र संचालित होता है
  4. हनुमान मंदिर में हर मंगलवार , शनिवार  को  सुन्दरकाण्ड पाठ , यज्ञ  किया जाता है  जिस में लोग परिवार के साथ सम्मलित होते है  
  5. वर्षभर देश – प्रदेश  के विभिन्न विद्यालय एवं महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं वैचारिक संगठनों के प्रशिक्षण शिविर, व्यक्तित्व विकास शिविर, युवा नेतृत्व शिविर, आध्यात्मिक शिविरों के आयोजन किए जा रहे है। 

कार्य का स्थानीय समाज पर प्रभाव तथा सहभागिता

  1. प्रकल्प में कार्यपद्धति नियमित रूप से आयोजित की जाती है, जिस में  समाज के सभी वर्ग के लोग  सम्मिलित  होते है , चमू भाव से कार्य करने के साथ नेतृत्व करने समाज जागरण और राष्ट्र कार्य में सभी का जुडाव बड़ा है 
  2. यज्ञ सेवा वस्ती के लोगो के साथ किया जाता है, परिवार के साथ  यज्ञं में सम्मलित होकर मुख्य धरा में उनका जुडाव गहरा हुवा है
  3. ३  प्राकृतिक चिकित्सा से स्थानीय समाज के लोगो की जीवन पद्धति में परिवर्तन हो रहा है।  
  4. प्रकल्प पर हमारे राष्ट्रीय व धार्मिक उत्सवों में न केवल स्थानीय समाज की सहभागिता होती बल्कि उत्सवों को स्थानीय लोंगों के द्वारा ही नेतृत्व किया जाता है।
  5. योग शिविर , अध्यात्मिक शिविर, युवा प्रेरणा शिविर , व्यक्तित्व विकास शिविर के नियमित आयोजन से लोगो मे आत्मीयता का भाव , राष्ट्र प्रेम , समाज में सेवा के लिए आगे आये है
  6. साहित्य सेवा के माध्यम से स्थानीय लोग स्वाध्याय कर अपनी वैचारिक स्पष्टता को ठीक करते हैं। 
  7. आनन्दालय के माध्यम से आसपास की सेवा वस्तीयों के बच्चें नियमित रूप औपचारिक ,अनोपचारिक शिक्षा प्राप्त कर रहे है। जिन्हें शिक्षा प्रदान करने में स्थानीय लोगों की सहभागिता रहती है। ,

 #.  शिक्षा गरीबी से मुक्ति का एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है। पढ़ाई करने से बच्चे अच्छी नौकरी पा सकते हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं।

#. पढ़ाई से बच्चों में जागरूकता और समझ बढ़ती है, जिससे वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक हुवे हैं।

#.  शिक्षा से सेवा बस्ती के बच्चे समाज में समानता की भावना को बठी  हैं ।

#. स्वास्थ्य और स्वच्छता , स्वालंबन , आत्म निर्भरता , रोजगार प्राप्त करना  और  क्षमता विकास , के लिए उनकी जागृति बढ़ी  है, सामाजिक परिवर्तन , लोगो के जीवन में परिवर्तन से लोग आनंदित रहेते है

#.  आत्मविश्वास बठा है, जिससे वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं।

#. समाजिक परिवर्तन: शिक्षित बच्चे समाजिक परिवर्तन के लिए काम कर सकते हैं और अपने समुदाय को बेहतर बनाने में मदद कर रहे  हैं।

#. बच्चे नेतृत्व क्षमता विकसित की  हैं ,अपना और समाज का विचार कर राहे है

#.  शिक्षा से बच्चे तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर रहे  हैं और अपने भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर रही  हैं।